दीवाली की खुशियाँ
"दीपावली की खुशियां"
आओ बच्चों आओ तुम,
पांच दिन खुशियां मनाओ तुम,
दीपावली का त्यौहार मनाओ,
आओ बच्चों.....
बछ बारस आई प्यारे बच्चों,
खुशियां संग लाई अपने,
जिसको कहते हम,
माता गाय हमारी,
आओ बच्चों....
गाय बैलों को आओ हम सजाएं,
प्यारे बच्चों आओ तुम,
जानवरों से करें हम प्यार,
पूजा करें हम आज उनकी,
आओ बच्चों.....
आ गयी अब धनतैरस की,
वो अनुपम शुभघड़ी,
आज होती है पूजा,
कुबेर संग लक्ष्मी जी की,
पई पकवान खूब बनेंगे,
कापी किताब, बही खातों की,
पूजा का भी मुहूर्त आज,
सीखना है संस्कार अपने,
आओ बच्चों.....
आ गयी अब नर्क चौदस,
रुप चतुर्दशी भी कहते इसको,
उबटन लगा नहाओ खूब,
निखारो रुप अपना खूब,
आओ बच्चों.....
आ गया जगमग जगमग,
दीपावली का त्यौहार,
लाया खुशियां अपार,
कपड़े नये, मिठाई, फटाके खूब,
आओ बच्चों.....
लक्ष्मी जी की है आज पूजा,
घर हुआ रौशन खूब,
चमक रहीं झालर लड़ियां खूब,
आओ बच्चों.....
अब आया गोवर्धन पूजा,
और अन्नकूट का त्यौहार,
बनते हैं खूब पकवान,
भोग लगाओ कृष्ण जी को,
खुद रसगुल्ले खाओ खूब,
आओ बच्चों.....
पांचवां दिन लाया,
भाई बहिन का त्यौहार,
खुशियां लाया संग हजार,
बहिन लगाए टीका,
भाई देता आशीष,
रहे सदा खुशहाल मेरी बहिना,
आओ बच्चों....।
काव्य रचना-रजनी कटारे
जबलपुर ( म.प्र.)
Niraj Pandey
02-Nov-2021 04:20 PM
बहुत खूब
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